क्यों मैं हिन्दू से क्रिस्चियन हो गया? | Testiomony of Abhishek Vical | Stand for Satya

  






सबसे पहले मैं कहना चाहूंगा की मेरा जन्म किसी मसीही परिवार में नही बल्कि एक गैर मसीही परिवार में हुआ था हिन्दू परिवार में। और मैं यहाँ एक चीज़ स्पष्ट कर देना चाहता हूँ वो यह है कि जन्म से कोई भी मनुष्य चाहे वो कहीं का भी क्यों न हो किसी देश या दुनिया के किसी कोने का हो वो किसी धर्म का नही होता। वो अपने माता पिता से सीखता हुआ है वो उस धर्म का हो जाता है।


और जैसा कि मैंने अपने माता पिता को देख कर हिन्दू धर्म को मानने लगा। पर मैने कभी कोई धर्म ग्रन्थ नही पढा क्योंकि इसकी आवश्यकता ही महसूस नही हुई न मन्दिरो में न कभी घर में किसी पूजा पे यह कराया जाता था कि पढ़ना है पर इतना जनता था कि मरने के बाद अगले जन्म है और इंसान हर बुरे काम का सजा हर जन्म में भोगता है। और जैसे मैं बड़ा होता गया बुरी आदतों में पड़ता गया जवानी की बुरी आदत पोर्न और हस्थमैथुन जैसी चीज में और हिन्दू धर्म मे नरक नही है वहाँ आपके बुरे कर्मो का फल इस जन्म या अगले जन्म में भोगना पड़ेगा। पर एक दिन स्कूल में हम सभी को येशु का संदेश नाम की पुस्तक दी गयी। मैं उसको घर ले आया और पढ़ना सुरु किया जिसको पड़ में हैरान हो गया कि बुराई से परमेश्वर घृणा करता है और कोई भी उसके पास जा नही सकता और एक दिन हर एक का न्याय होगा और येशु हमारे पापो के लिए क्रूस पर मरा। यह छोटी सी सन्देड़ पुस्तक थी उसमें ज्यादा कुछ नही था, सो मैंने इतना पड़ थोड़ा डर गया और मैंने सबसे पूछना सुरु किया कि यह परमेश्वर कौन है और हम जो भगवान को जानते है उनसे यह इतने अलग क्यो है? और नर्क क्या है ? और बुरा करने वाले को दण्ड मिलेगा? पर उनका जवाब आया अरे यह केवल पुस्तक है कहानी की जैसे और भगवान है यह भी वही है। पर मैं सन्तुष्ट नही हुआ क्योंकि यह बिल्कुल अलग था।


कुछ दिन बाद मैं सब भूल कर फिर से वही बुरे काम मे चला गया यह सोच की यह तो मात्र कहानी है और यह भी सब भगवान जैसा ही है। पर एक दिन मैं बहुत बीमार पड़ गया और कोई दवा या दुवा काम नही कर रही थी। और मैं बेड पर पड़ा रोता था और मुझे वो बात याद आने लगी कि अगर में आज मर गया तो क्या होगा मैने अपनी जिंदगी में केवल बुरा काम किया मैं इस योग्य नही और मैं प्राथना करने लगा कि परमेश्वर मुझे माफ़ कर दे एक मौका दे। और कुछ दिन बाद में ठीक होने लगा धीरे धीरे में स्वास्थ्य हो गया।


पर सवाल वही बना का बना था क्या होता अगर मैं मर जाता मैने इतने बुरे काम किये क्या परमेश्वर मुझे माफ़ करेगा? और क्यो करेगा? मैं इस योग्य नही। और एक दिन मैं चर्च गया उस परमेश्वर के बारे जानने, और जैसे में वहाँ पहुच दीवार पर लगे हुए वचन को पढ़ा ऐसे लगा जैसे एक भारी बोझ मुझपर से उतर गया वो जवाब मिल गया। वहाँ लिखा था।


यूहन्ना 3:16

 क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।


परमेश्वर ने हमसे इतना प्यार किया हम पापियों से की अपने बेटे को कुर्बान कर दिया। यह मेरे लिए खुसी के साथ एक शर्मिंदगी की बात भी थी। शर्मिदंगी इसलिए क्योंकि मैंने इतने बुरे काम किये और प्रभु ने वो दंड खुद सह लिया। और मैने उसी वक्त अपने मन मे यह निर्णय कर लिया कि आज के बाद कभी बुराई की राह पर न चलूंगा मैंने पश्चताप किया और धन्यवाद किया परमेश्वर को जो उसने हमारे लिए किया। यह बयान नही किया जा सकता यह अदभुद है एक पापी माफ किया गया और उसको यूँही माफी नही मिली उसका दाम चुकाया गया खुद परमेश्वर ने वो खुद पर ले लिया दंड और क्रूस की मृत्यु सही उसपर थूका गया उसको थप्पड़ मारा गया और वो सब सह गया हम पापियों के लिए। उसने हमको मौका दिया कि हम मनन फिराकर लौट आये।


यह सन्देश हिंदूइस्म में नही है वहाँ पाप को अच्छे कर्म से दूर किया जा सकता है और अगर आप बुरे काम करते है तो उसकी सजा आपको अगले जन्म में मिलेगी ही इससे अपको मुक्ति नही मिल सकती आप जन्म मृत्यु के इस चक्रव्यूह से नही निकल सकते। पर मसिहत बिल्कुल अलग है हमारे कर्म परमेश्वर के सामने मैले के समान है और पाप की मजदूरी मृत्यु है यह मृत्यु सरीर आत्मा दोनों की है नरक में हमेसा के लिए जलना है। 


बाइबल 

यशायाह 64

6 हम तो सब के सब अशुद्ध मनुष्य के से हैं, और हमारे धर्म के काम सब के सब मैले चिथड़ों के समान हैं। हम सब के सब पत्ते की नाईं मुर्झा जाते हैं, और हमारे अधर्म के कामों ने हमें वायु की नाईं उड़ा दिया है।


बाइबिल

रोमियो 6

23 क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है॥


आप अपने कर्म के द्वारा खुद को नही बचा सकते इस दंड से। और मुक्ति केवल परमेश्वर के ओर से है उसके पुत्र येशु मसीह पे विस्वास के द्वारा। 


बाइबिल

इफिसियों 2

8 क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है।

9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे।


प्रभु का वादा है जो उसपर विस्वास करेगा मन फिरायेगा वो अनन्त जीवन पायेगा।


जैसे अगर आप किसी गहरे गढे में गिरे हुए है तो आपको बचने के लिए बाहर से कोई बचा सकता है आप खुद ऊपर नही आ सकते खुद के सहारे। अगर मान लीजिए आप अपने बेस्ट फ्रेंड के साथ रास्ते पे जाते हुए आप गढे में गिर जाए और आप कोशिश कर रहे है पर आप निकल नही पा रहे तो आप चाहेंगे कोई आपको निकाले वो बेस्ट फ्रेंड आपको निकाले आप यही चाहेंगे। क्योंकि आप फस गए है आप निकल नही सकते खुद से।


पर क्या हो अगर आपका दोस्त आपको कहे कोशिश करो तुम निकल जाओगे मैं साथ हूँ पर तुम्हे खुद के कोशिश(कर्म) से ही निकलना होगा गढे से। यह कितना दुखद और भयानक होगा वाकई में फिर ऐसे दोस्त को बेस्ट फ्रेंड तो नही कहेंगे बिल्कुल भी।


पर वही दूसरी ओर अगर आपका बेस्ट फ्रेंड आपको बचने के लिए निकलने के लिए आपको रस्सी भेजे और आपको खिंचता रहे उसके हाथों से खून बहता रहे दर्द होता रहे पर वो आपको खिंचता रहे और निकाल ले और खुद घायल हो जाये। ऐसे दोस्त के कोई शक नही आप रो पड़ेंगे और गले लगा लेंगे।


बाइबिल

यूहन्ना 15:13

इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे।


ठीक ऐसा ही प्रभु येशु ने किया है हमको बचाने के लिए वो खुद अपने ऊपर दण्ड ले लिया कि हम जब मन फिराए लौट आये तो उसमें अनंत जीवन पाए और जब हम आखिरी सांस ले उसके बाद हम हमेसा के लिए प्रभु के साथ रहे जहाँ न मृत्यु न बार बार जन्म दुख कष्ट होगा। 


इसलिए मैं येशु मसीह के पीछे चलता हूँ और आखिर क्यों न चलता उसके पीछे जिसने मुझ पापी को बचाने के लिए अपनी प्राण दिए। येशु मेरा सच्चा दोस्त।


बाइबिल 

यूहन्ना 15

15 अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्वामी क्या करता है: परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं।


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