यीशु ने कहा मैं अपने से कुछ नही करता | STAND for SATYA

हम एक और वचन को देखने जा रहे है जो मुस्लिम हमेशा इस्तेमाल करते है यह साबित करने के लिए की यीशु परमेश्वर नही है। तो आइए देखते है उस वचन को: यूहन्ना 5:30 मैं अपने आप से कुछ नहीं कर सकता; जैसा सुनता हूं, वैसा न्याय करता हूं, और मेरा न्याय सच्चा है; क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, परन्तु अपने भेजने वाले की इच्छा चाहता हूं। तो मुस्लिम जो है इस वचन को लेकर यह दिखाने की कोशिश करते है कि देखो यीशु अपने से कुछ नही कर सकता वो परमेश्वर कैसे हो सकता है। पर अगर वो ध्यान से इस सुसमाचार की पुस्तक को अध्ययन कर तो वो जान जाएंगे कि पुत्र जो सुरवात से पिता के साथ था उस ने देह धारण किया। यूहन्ना 1 1 आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था। 2 यही आदि में परमेश्वर के साथ था। यूहन्ना 17:5 5 और अब, हे पिता, तू अपने साथ मेरी महिमा उस महिमा से कर जो जगत के होने से पहिले, मेरी तेरे साथ थी। और जब उसने मनुष्य देह धारण किया तो वह मनुष्य होने के सीमाओं में रहा गलातियो 4:4 वो व्यवस्था के आधीन उत्पन्न हुआ। इब्रानी 2:9 स्वर्गदूतों से कुछ ही कम किया गया था, इब्रानी 5:8 और पुत्र होने पर भी, उस ने दुख उठा उठा कर आज्ञा माननी सीखी। यीशु ने जब देह धारण किया वो एक सेवक की तरह रहा आज्ञाकारिता में और पिता परमेश्वर के सम्पूर्ण अधीनता में रह। इसलिए वो कहता है कि मै अपने से कुछ नही करता जैसा सुनता हूँ वैसा ही करता हूँ। यहाँ वो एक आज्ञाकारी मनुष्य की तरह सेवक की तरह बोल रहा है। अगर आप इसी अध्याय को ध्यान से पढ़े तो आप यीशु को एक आज्ञाकारी मनुष्य एक सेवक की तरह बोलते पाएंगे और वही कई बार वो त्रिएक परमेश्वर के दूसरे व्यक्ति की तरह पूरे अधिकार और ईश्वरत्व में बोलते थे। जैसे आप देखे यहाँ नीचे इसी अध्याय के वचनों को जहाँ हम यीशु के ईश्वरत्व को पाएंगे। यूहन्ना 5:23 इसलिये कि सब लोग जैसे पिता का आदर करते हैं वैसे ही पुत्र का भी आदर करें: जो पुत्र का आदर नहीं करता, वह पिता का जिस ने उसे भेजा है, आदर नहीं करता। यहाँ यीशु ने जो बात कही वो एक मामूली इंसान या नबी/भविष्यवक्ता कभी नही कह सकता। यीशु ने कहा जैसे पिता का आदर करते हो वैसा ही पुत्र का मतलब यीशु का आदर करे। अब मुस्लिम जरा सोचें कि क्या कोई नबी ऐसा कह सकता है? क्या आप मुहम्मद का आदर बिल्कुल वैसा ही करेंगे जैसा आदर आप अल्लाह का करते है? नही कर सकते क्योंकि यह गुनाह होगा ईशनिंदा होगा। पर देखिए यीशु कह रहे है की ठीक जैसा आदर पिता परमेश्वर का करते हो वैसा ही मेरा मतलब यीशु का किया करो। (निष्कर्ष:यीशु यहाँ जब कहते है कि मै अपने से कुछ नही करता। वो यहाँ एक मनुष्य के जैसा एक सेवक के जैसा अपने पिता के प्रति आज्ञाकारिता और सम्पूर्ण अधीनता दिखा रहे है, वो यहाँ अपने ईश्वरत्व का इनकार नही कर रहे है। जैसा हमनें ऊपर दिए गए वचनों में देखा) GOD BLESS YOU Abhishek Vical

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