बाइबिल का परमेश्वर क्यों पुरुष प्रधान है?

 



बाइबिल का परमेश्वर क्यों पुरुष प्रधान है? क्यों वो स्त्री नही है? क्या बाइबिल का परमेश्वर स्त्रियों से हीन भावना रखता है?

जवाब : पहली बात यह है कि बाइबिल का परमेश्वर न ही पुरुष है न ही स्त्री है ना वो पुलिंग है न स्त्रीलिंग है। परमेश्वर का कोई लिंग (Gender) नही है।

दूसरी बात बाइबिल के परमेश्वर ने खुद को पुरुष के रुप मे प्रकट किया है इसका मतलब यह नही की वो स्त्रियों से हीन भावना रखता है।

परमेश्वर का पुरुष के रुप मे अपना पहचान देना या खुद को प्रकट करने का कारण है। परमेश्वर जानते थे सृष्टि के सुरुवात से क्या होने वाला है मनुष्य पाप में गिरेगा और पहले से ही उसने योजना बना ली थी मनुष्यो को उधार देने की।

* परमेश्वर को मनुष्य देहधारन कर आना था और सच्चा बलिदान देना था। और वो जानते थे कि यह कैसी मौत होगी और किस चीज़ पर उनको चढ़ाया जाएगा।
और परमेश्वर अगर स्त्री देहधारन करते तो जो कार्य करना था वो नही होता। क्योंकि उस समय स्त्री की बात का महत्व नही दिया जाता था। न ही वो सड़क पर जाकर प्रचार कर सकती या गुरु होकर चेला बना सकती थी। और स्त्री को क्रूस पर मृत्यु दंड नही दी जाती बल्कि उसको पथराव कर मार डाला जाता।

इसलिए यह आवश्यक था कि परमेश्वर पुरूष के रूप में देहधारन करे और उस कार्य को पूरा करे जो उन्होंने पहले से ही तय किया था।

* और बाइबिल का परमेश्वर ने खुद को पिता पुरूष प्रधान के रूप में प्रकट किया उसका कारण था। क्योंकि उस समय के लगभग देश और राज्य के लोग स्त्री प्रधान देवी को मानते थे वो यह मानते थे कि ईश्वर एक स्त्री है स्त्रीलिंग है। जिनमे कई बार स्त्री ईश्वर मनुष्य ही होती थी जो सौंदर्य और यौवन से भरी होती थी जो लोगो से सेवा पाती थी और ऐसे में व्यभिचार और यौन में डूबा रहना आम बात था। और बाइबिल का परमेश्वर जिसने इस्राएल को छुड़ाया था और उसका परमेश्वर ठहरा था उनको एक नए देश मे बसाया था और इस्राएल द्वारा उन देश के लोगो को निकलवाया था। और परमेश्वर इस्राएल के ऊपर राजा था वही न्यायकर्ता था और इसलिए उसने अपने आप को पुरुष प्रधान के रूप में प्रकट किया। वो अन्य देशों के ईश्वर नही है वो इस्राएल का परमेश्वर है पिता है जो इस्राएल को अपने बेटे के जैसा प्रेम करता है और गलती करने पर ताड़ना दण्ड भी देता है जैसे एक पिता अपने बच्चो से प्रेम करता है और ग़लती करने पर सज़ा देता है।

एक माता में यह फर्क होता है कि उसके बच्चे चाहे कितने भी गलती करें वो उसके गलतियों को ढकने की कोशिश करती है क्योंकि माता ऐसे ही होती है नरम दिल। वही एक पिता जो होता है वो शाशन रखने वाला होता वो जितना प्यार करता है उतना ही गलतियों पर सजा भी देता है कि जिससे बच्चे गलत न बने और अच्छे बने।
और एक सर्वे के अनुसार पाया गया है कि 67% बच्चे के पिता के साथ उनका सम्बन्ध अच्छा नही है क्योंकि उनके पिता ने कभी प्यार ही नही किया उनको मारते रहे है हमेशा।
ऐसे भी किसी बच्चे से पूछो तो वो पहले माँ का नाम लेता है पिता का नही।

सो इसलिए भी जरूरी है कि लोग सच्चे पिता के प्रेम को जाने की एक सच्चा पिता कैसा होता है। और हम परमेश्वर पिता में उस पिता के प्रेम को जान पाते है।

भजन सहिता 68
5 परमेश्वर अपने पवित्र धाम में, अनाथों का पिता और विधवाओं का न्यायी है।

**************************************************

Abhishek Vical



Post a Comment

0 Comments