यीशु अपने दूसरे आगमन की घड़ी नही जानते | STAND for SATYA

हम एक और वचन को देखने जा रहे है जो मुस्लिम हमेशा इस्तेमाल करते है यह साबित करने के लिए की यीशु परमेश्वर नही है। तो आइए देखते है उस वचन को: मत्ती 24:36 उस दिन और उस घड़ी के विषय में कोई नहीं जानता, न स्वर्ग के दूत, और न पुत्र, परन्तु केवल पिता। मरकुस 13:32 उस दिन या उस घड़ी के विषय में कोई नहीं जानता, न स्वर्ग के दूत और न पुत्र; परन्तु केवल पिता। तो मुस्लिम जो है इस वचन को लेकर यह दिखाने की कोशिश करते है कि देखो यीशु अपने दूसरे आगमन की घड़ी नही जानता वो कैसे परमेश्वर हो सकता है। पर जैसा मैंने पहले भी कहा है अपने पिछले आर्टिकल में की जब यीशु ने मनुष्य देह धारण किया तो वह मनुष्य होने के सीमाओं में रहा। इसलिए उसने उतना ही बताया जो चेलो को जानना जरूरी था या एक मनुष्य को जितना जानना जरूरी था। जब चेलो ने यीशु से पूछा कि अंत का दिन का चिन्ह और यह सब कैसे होगा तब प्रभु ने वो सब बाते बतायी की कैसे यरूशलेम पर आक्रमण होगा और मंदिर ढाह दिया जाएगा। जो कि 70 ईस्वी में पूरा हुआ रोमियो ने यरूसलेम पर आक्रमण कर कब्जा कर लिया और मन्दिर को ढाह दिया था। यहाँ पर चेलों ने यीशु से यह नही पूछा था कि वो दिन कब होगा अंत का दिन कब होगा। पर यीशु जो मन की बात जानते है वो जान गए कि चेले क्या जानना चाहते है जो एक मनुष्य को जानना जरूरी नहीं इसलिए प्रभु यीशु ने कहा यह केवल पिता परमेश्वर जानते है। पर इसका मतलब यह नही है कि पुत्र परमेश्वर त्रिएक के दूसरे व्यक्ति को पता नही है उन्हें मालूम है यह कब होगा और यह वचन को अगर हम उस समय के यहूदी विवाह परम्परा के हिसाब से देखे तो और अच्छे से समझ पाएंगे। उस समय जब लड़का और लड़की का विवाह होता था जब तब जो दूल्हा होता था वो दुल्हीन से कहता था कि मै अपने पिता के घर तुम्हारे लिए जगह तैयार कर वापस आऊँगा तुम मेरा इन्तेजार करना। और दुलहिन जब पूछती होगी कब आओगे वो कहता होगा यह केवल पिता जानते है। पर इसका मतलब यह नही की दूल्हा को नही पता कि घर कब वो तैयार करेगा वो जनता है कि कब वो तैयार कर लेगा और जब तैयार हो जायेगा पिता उसको भेजेंगे। फिर भी आज्ञाकारिता में रहते हुए वो कहता है पिता जानते है। और फिर दुलहिन दुबारा उसको तब तक नही देख पाती है जब तक विवाह का भोज दिन नही आता वो दिन जब दूल्हा अपने पिता के घर अपने पत्नी के लिए घर तयार कर वापस आता है उसको लेने जब दूल्हा का पिता बोलते है जाओ उसे ले आओ। और दुलहिन इन्तेजार करती रहती है और एक रात हल्ला मचता धुम मचता है कि देखो दूल्हा आ गया। ठीक ऐसा ही प्रभु यीशु का आगमन होगा कलीसिया मतलब हम मसीही विस्वासी उसकी दुलहिन है उसका इन्तेजार कर रहे है एक दिन ऐसे ही वो आ जाएंगे। (निष्कर्ष:यीशु यहाँ जब कहते है कि वो दिन और घड़ी केवल पिता जानते है इसका मतलब यह नही है कि पुत्र परमेश्वर त्रिएक के दूसरे व्यक्ति को नही पता पर जब यीशु ने मनुष्य देह धारण किया तो वह मनुष्य होने के सीमाओं में रहा। और वो आज्ञाकारिता में रह सच्चे सेवक की तरह कहा कि वो दिन केवल पिता जानते है कि वो घड़ी कब होगा जब जब वो पुत्र को भेजेंगे और पुत्र सभी विस्वासियो को अपने तैयार किये हुए घर मे ले जाएगा।) GOD BLESS YOU Abhishek Vical

Post a Comment

4 Comments