मुस्लिम कहते है पौलुस झूठा नबी है | STAND for SATYA

 



क़ुरान के कई ऐसे आयात है जिसको समझने के लिए तफ़्सीर का जरुरत पड़ता है तफ़्सीर को (कमेंटरी) कह सकते है जो उस वचन को समझती है की वह किस विषय कि बात कर रही है. जिसमे सबसे विश्वासयोग्य तफ़्सीर (कमेंटरी) है इब्न कथिर का जिसको सभी मुस्लिम मानते है.

मुस्लिम पौलुस को झूठा नबी कहते है पर वोह खुद अपने क़ुरान की बात को छुपाते हैं. क्या आपको पता है क़ुरान में शमौन पतरस, यूहन्ना और पौलुस का जिक्र है जिनको अन्ताकिया सहर भेजा गया. जो इब्न कथिर के तफ़्सीर (कमेंटरी) में बताया गया है.

सुराह यासीन 36
  उनके लिए बस्तीवालों की एक मिसाल पेश करो, जबकि वहाँ भेजे हुए दूत आए। (13)
  जबकि हमने उनकी ओर दो दूत भेजे, तो उन्होंने उनको झुठला दिया। तब हमने तीसरे के द्वारा शक्ति पहुँचाई, तो उन्होंने कहा, "हम तुम्हारी ओर भेजे गए हैं।" (14)

Ibn kathir Tafsir Commentary on Surah Yasin 36:13-14

(When We sent to them two Messengers, they denied them both;) means, they hastened to disbelieve in them.

(so We reinforced them with a third,) means, `We supported and strengthened them with a third Messenger. ' Ibn Jurayj narrated from Wahb bin Sulayman, from Shu`ayb Al-Jaba'i, "The names of the first two Messengers were Sham`un and Yuhanna, and the name of the third was Bulus, and the city was Antioch (Antakiyah).

हिंदी : (जब हमने उनके पास दो रसूल भेजे, तो उन्होंने उन दोनों को झुठला दिया;) का अर्थ है, उन्होंने उन पर अविश्वास करने की जल्दबाजी की।

(इसलिए हमने उन्हें तीसरे के साथ मजबूत किया) का अर्थ है, 'हमने उन्हें तीसरे रसूल के साथ समर्थन और मजबूत किया। ' इब्न जुरैज ने वहाब बिन सुलेमान से शुएब अल-जबाई से सुनाया, "पहले दो रसूलों के नाम शामुन और युहन्ना थे, और तीसरे का नाम बुलुस था, और शहर अन्ताकिया (अंटाकियाह) था। )

आप इस लिंक पर क्लिक कर देख सकते है इब्न कथिर की तफ़्सीर

Ibn kathir

और यहाँ जो तीसरा नाम बुलूस है यह पौलुस है अरबी में पौलुस को बुलूस कहते है. इसके लिए मैंने अरबी नई नियम की पुस्तक रोमियो की पत्री का ऑडियो लिंक नीचे शेयर किया है. आप सुनियेगा पत्री के सुरुवात अभिवादन में बुलूस है

Arabic Audio New Testament Epistles To Romans 

Abhishek Vical

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Reference uses

* alim.org

* Wordproject.org



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